लोगों की राय

बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 राजनीति विज्ञान

बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2795
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

तुलनात्मक सरकार और राजनीति : यू के, यू एस ए, स्विटजरलैण्ड, चीन

अध्याय - 2

पूँजीवाद और उदार लोकतन्त्र की अवधारणा

(Capitalism and the Idea of Liberal Democracy)

प्रश्न- उदार लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर -

उदार लोकतन्त्र

उदार लोकतन्त्र उदार राजनीतिक विचारधाराओं का संयोजन है जो सरकार के लोकतांत्रिक स्वरूप के तहत संचालित होता है। अतः उदार लोकतंत्र वह व्यवस्था होती है, जिसमें लोग सर्वोच्च शक्ति धारक होते हैं। वे ही सरकार बनाते हैं तथा समय-समय पर सरकार को परिवर्तित कर सकते हैं। लोग अपने राजनीतिक दलों तथा हित समूह के द्वारा राजनीतिक व्यवस्था में भाग लेते हैं। सरकार जनमत के प्रति लगातार उत्तरदायी होती है। लोगों को विस्तृत अधिकार और स्वतंत्रता प्राप्त होती है जिन्हें संवैधानिक रूप में सुरक्षा प्रदान की जाती है

उदार लोकतंत्र की प्रमुख विशेषताएँ

1. सरकार जनता की प्रतिनिधि - उदार लोकतंत्र में सरकार जनता की प्रतिनिधि होती है। यह लोगों द्वारा निर्वाचित की जाती है। विधानपालिका के सदस्य एक निश्चित अवधि के लिए लोगों द्वारा चुने जाते हैं। व्यवस्थापिका राष्ट्रीय जनमत का प्रतिनिधित्व करती है तथा राष्ट्र के धन पर नियंत्रण रखती है। लोगों को मतदान अधिकार बिना किसी जाति, धर्म, लिंग, भाषा, क्षेत्र, सम्पत्ति या सम्प्रदाय के भेदभाव के रूप से प्राप्त होता है। जिसके आधीन निश्चित आयु से अधिक के सभी स्त्री-पुरुषों को मताधिकार प्राप्त होता है। सरकार जनता के प्रति उत्तरदायी होती है तथा उसे अपनी प्रतिनिधि प्रकृति लगातार बनाए रखनी पड़ती है। चुनावों द्वारा लोग सरकार को परिवर्तित कर सकते हैं।

2. लोगों को विचारों की स्वतन्त्रता - उदार लोकतंत्र में लोगों को अपने विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता होती है। उन्हें भाषण देने तथा विचार प्रकट करने, लिखकर या बोलकर दोनों प्रकार से मौलिक अधिकार प्राप्त होता है। जन प्रसार के साधन स्वतंत्र होते हैं। जनमत निर्माण स्वतंत्रतापूर्वक होता है। प्रेस पर प्रतिबन्ध कम से कम होते हैं। लोगों को स्वेच्छा से अपने समूह एवं दल बनाने का अधिकार होता है।

3. कार्यपालिका की निर्धारित भूमिका - उदार लोकतंत्रीय व्यवस्था में कार्यपालिका की भूमिका परिभाषित होती है। राजनीतिक कार्यपालिका नीति-निर्माण एवं निर्णय-निर्माण करती है तथा स्थायी कार्यपालिका अर्थात् नौकरशाही सरकार की नीतियों तथा निर्णयों को लागू करती है। नौकरशाही निष्पक्ष होती है तथा राजनीतिक कार्यपालिका की अध्यक्षता में कार्य करती है। राजनीतिक कार्यपालिका अपने सभी कार्यों के लिए जनता तथा विधानपालिका के प्रति उत्तरदायी होती है।

4. सरकार पर सामाजिक एवं आर्थिक समूहों का प्रभाव - उदारवादी लोकतंत्रीय व्यवस्था में सरकार की क्रियाओं पर सामाजिक एवं आर्थिक अवरोध तथा संतुलन होते हैं। ऐसे समाज में विद्यमान विभिन्न हित समूहों तथा अन्य सामाजिक, आर्थिक संस्थाओं के द्वारा किया जाता है। इन्हें समाज में कार्य करने की स्वतन्त्रता प्राप्त होती है। हित समूह सामाजिक-आर्थिक संस्थाओं तथा राजनीतिक दल हित स्पष्टीकरण, हित समूहीकरण, राजनीतिक संचार तथा राजनीतिक सामाजीकरण एवं भर्ती में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। ये सरकार के नीति-निर्माण तथा निर्णय-निर्माण कार्यों को प्रभावित करते हैं। सभी निर्णय विशेषकर सामाजिक-आर्थिक निर्णय सरकार द्वारा अकेले ही नहीं लिए जाते। हित समूह इस क्रिया में भागीदार बनते हैं।

5. सीमित सरकार की अवधारणा - उदार लोकतंत्र में सीमित सरकार की धारणा निहित होती. है। सरकार केवल उन्हीं शक्तियों का प्रयोग करती है जो संविधान इसे प्रदान करता है। जिस ढंग से इन शक्तियों का प्रयोग सरकार को करना होता है वह भी निश्चित होता है तथा संविधान द्वारा निर्देशित होता है। सरकार अपनी शक्तियों का प्रयोग मनमाने अत्याचारी ढंग से नहीं कर सकती है। सरकार की शक्तियाँ परिभाषित होती हैं। सभी अंगों के परस्पर सम्बन्धों का भी स्पष्ट वर्णन किया गया होता है।

6. लोगों की राजनीतिक भागीदारी - उदार लोकतंत्र में राजनीति में लोगों की भागीदारी का स्तर अत्यधिक विशाल और ऊँचा होता है। सभी प्रकार के जनमत अथवा मत राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल होते हैं। लोग केवल चुनावों में ही नहीं अपितु राजनीतिक प्रक्रिया के विभिन्न स्तरों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। शक्तियों का विकेन्द्रीकरण होता है तथा सरकार के कार्यों में बहुत से लोग सक्रिय भागीदार होते हैं। सरकार के तीन अंगों में कार्यों का पृथक्करण होता है तथा शक्ति कभी भी किसी एक व्यक्ति अथवा संस्था के हाथ में केन्द्रित नहीं की जाती। तीनों अंगों में कार्यों का पृथक्करण सत्तावाद तथा मनमाने रूप में शक्ति प्रयोग के विरुद्ध एक सुरक्षात्मक कदम होता है। विधानपालिका के दोनों सदन एक- दूसरे पर रोक लगाते हैं। राजनीति में विद्यमान राजनीतिक दल एक-दूसरे पर रोक लगाते है। विरोधी दल सत्तारूढ़ दल की नीतियों की लगातार आलोचना करते रहते हैं तथा वैकल्पिक नीतियाँ जनता के सम्मुख रखते हैं। राजनीतिक व्यवस्था में दल निर्माण की स्वतंत्रता होती है तथा कम से कम दो राजनीतिक दल राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे होते हैं। समय-समय पर शासन सत्ता राजनीतिक दलों के पास होती है।

7. लोगों को राजनीतिक शिक्षा - उदार लोकतंत्र में लोग स्वतंत्र रूप में राजनीतिक शिक्षा प्राप्त करते है। वे स्वतंत्र तथा प्रत्यक्ष राजनीतिक समाजीकरण की प्रक्रिया द्वारा स्वाभाविक रूप में राजनीतिक संस्कृति को ग्रहण करते हैं तथा राजनीति में भाग लेते हैं। उदार लोकतंत्र में राजनीतिक भर्ती सभी के लिए खुली होती है।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति का अध्ययन क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति के अध्ययन क्षेत्र की विवेचना कीजिए।
  3. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति से आप क्या समझते हैं? इसकी प्रकृति को स्पष्ट कीजिए।
  4. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति और तुलनात्मक सरकार में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  5. प्रश्न- उदार लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताएँ लिखिए।
  6. प्रश्न- पूँजीवाद से आप क्या समझते हैं, इसके गुण-दोष क्या हैं?
  7. प्रश्न- समाजवादी राज्य क्या है, इसकी कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालिए।
  8. प्रश्न- समाजवाद की परिभाषा दीजिए। विवेचना कीजिए।
  9. प्रश्न- उपनिवेशवाद क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइये।
  10. प्रश्न- विकासशील देशों में राज्य की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  11. प्रश्न- रूढ़ियों से क्या अभिप्राय है? इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- रूढ़ियों कानून से किस प्रकार भिन्न हैं? प्रमुख अभिसमयों का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- रूढ़ियों का पालन क्यों होता है? स्पष्ट कीजिये।
  14. प्रश्न- राजपद से आपका क्या अभिप्राय है? इसकी शक्तियों की विवेचना कीजिए।
  15. प्रश्न- राजा एवं राजपद अन्तर को स्पष्ट कीजिये।
  16. प्रश्न- मन्त्रिमण्डलात्मक प्रणाली का उद्भव एवं विकास का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- मन्त्रिमंडल के संगठन एवं मंत्रिमण्डल व्यवस्था की विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
  18. प्रश्न- मन्त्रिमंडल के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- बिटिश प्रधानमंत्री सारे शासन तंत्र की धुरी है।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
  20. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन की सम्प्रभुता की विवेचना कीजिए तथा इस प्रभुसत्ता की सीमाओं का उल्लेख कीजिए।
  21. प्रश्न- लार्ड सभा की रचना कार्यों व उनकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- इंग्लैंड की समिति प्रणाली के बारे में आप क्या जानते हैं? इसके कितने प्रकार होते हैं?
  23. प्रश्न- कामन्स सभा क्या है? इसके संगठन एवं पदाधिकारियों का वर्णन कीजिए।
  24. प्रश्न- कामन्स सभा की शक्तियों, कार्यों एवं व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- कामन सभा के स्पीकर एवं उसकी शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  26. प्रश्न- ब्रिटिश समिति व्यवस्था की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- ब्रिटेन में विधेयकों का वर्गीकरण कीजिए एवं व्यवस्थापन प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
  28. प्रश्न- न्यायपालिका से आप क्या समझते हैं? इसके प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- ब्रिटिश न्यायपालिका के संगठन पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- ब्रिटिश न्याय व्यवस्था की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- विधि का शासन ब्रिटिश संविधान का एक विशिष्ट लक्षण है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- राजनीतिक दलों से क्या तात्पर्य है? राजनीतिक दलों की भूमिका एवं महत्व को समझाइये।
  33. प्रश्न- राजनीतिक दल प्रणाली के विभिन्न रूपों का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- ब्रिटेन में राजनीतिक दलों के संगठन, कार्यक्रम एवं उनकी भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
  35. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन में राजनीतिक दलों की भूमिका की विवेचना कीजिए।
  36. प्रश्न- ब्रिटिश दल पद्धति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- रूढ़ियों के महत्व का उल्लेख कीजिए।
  38. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के ऐतिहासिक कारणों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के राजनैतिक कारणों का उल्लेख कीजिए।
  40. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के मनोवैज्ञानिक कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  41. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के अन्तर्राष्ट्रीय कारणों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की कानूनी स्थिति का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  44. प्रश्न- मंत्रिमण्डल एवं क्राउन के सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- मन्त्रिमंडल का ब्रिटिश की संवैधानिक व्यवस्था में क्या महत्व है?
  46. प्रश्न- मंत्रिमंडल की महत्ता के औचित्य को स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की महत्ता के कारण बताइये।
  48. प्रश्न- लार्ड सभा ने सुधार के क्या प्रयास किये?
  49. प्रश्न- क्या ग्रेट ब्रिटेन में संसद संप्रभु है?
  50. प्रश्न- 'संसदीय प्रभुता' के सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  51. प्रश्न- विपक्षी दल की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- प्रिवी काउन्सिल की न्यायिक समिति का वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- लार्ड सभा एवं प्रिवी काउन्सिल की न्यायिक समिति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  54. प्रश्न- ब्रिटिश कानून कितने प्रकार से प्रयोग में लाये जाते हैं?
  55. प्रश्न- राजनीतिक दलों के कार्यों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- राजनीतिक दल मतदाताओं में अपना समर्थन बढाने के लिये कौन-कौन से साधनों का प्रयोग करते हैं।
  57. प्रश्न- ब्रिटेन तथा फ्राँस की दलीय प्रणाली का तुलनात्मक विश्लेषण कीजिए।
  58. प्रश्न- अमेरिका के राष्ट्रपति के कार्यों, शक्तियों की विवेचना कीजिए।
  59. प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति की वृद्धि एवं उसके कारणों की विवेचना कीजिये।
  60. प्रश्न- अमेरिकी व ब्रिटिश मंत्रिमंडल की तुलना कीजिए।
  61. प्रश्न- ब्रिटिश संप्रभु (क्राउन) प्रधानमंत्री तथा अमेरिकी राष्ट्रपति की तुलनात्मक विवेचना कीजिए।
  62. प्रश्न- अमेरिका के सीनेट के गठन, उसकी शक्ति एवं कार्यों की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- प्रतिनिधि सभा के संगठन, शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  64. प्रश्न- अमेरिकी कांग्रेस की शक्ति एवं कार्यों का उल्लेख कीजिए।
  65. प्रश्न- अमेरिका का उच्चतम न्यायालय व्यवस्थापिका का तृतीय सदन बनता जा रहा है। स्पष्ट कीजिए।
  66. प्रश्न- सर्वोच्च के महत्व का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  67. प्रश्न- न्यायिक पुनर्निरीक्षण से आप क्या समझते हैं? अमेरिका के उच्चतम न्यायालय के संदर्भ में इसकी व्याख्या कीजिए।
  68. प्रश्न- सर्वोच्च न्यायालय की कार्य-प्रणाली का विवेचना कीजिए।
  69. प्रश्न- अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय के गठन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति तथा भारत के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति में क्या अन्तर है?
  70. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के उद्भव एवं विकास का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- अमेरिका की राजनीतिक व्यवस्था में राजनीतिक दलों की क्या भूमिका है?
  72. प्रश्न- अमेरिका तथा ब्रिटेन के राजनीतिक दलों की समानता और असमानताओं का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- दबाव अथवा हित समूह से आप क्या समझते हैं? दबाव समूह के प्रमुख लक्षण एवं साधनों पर प्रकाश डालिए।
  74. प्रश्न- संयुक्त राज्य अमरीका के संविधान की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
  75. प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति को दलीय अथवा राष्ट्रीय नेता के रूप में पर टिप्पणी कीजिए।
  76. प्रश्न- राष्ट्रपति एवं मन्त्रिमण्डल के सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।
  77. प्रश्न- जैरीमैण्डरिंग पर संछिप्त टिप्पणी लिखिए।
  78. प्रश्न- सीनेट के महत्व पर प्रकाश डालिये।
  79. प्रश्न- यू. एस. ए. 'सीनेट की शिष्टता' का क्या अर्थ है?
  80. प्रश्न- प्रतिनिधि सभा की दुर्बलता के कारण बताइये।
  81. प्रश्न- संघीय न्यायपालिका कितने प्रकार की होती है?
  82. प्रश्न- संघीय न्यायलय क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- जिला न्यायालय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- संघीय अपील न्यायालय पर प्रकाश डालिये।
  85. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  86. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों की कमियों का वर्णन कीजिए।
  87. प्रश्न- अमरीका और इंग्लैण्ड की दल- प्रणाली की तुलना कीजिए।
  88. प्रश्न- अमेरिका के राजनीतिक दलों की कार्य प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  89. प्रश्न- माओवाद क्या है? माओवाद के प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
  90. प्रश्न- कन्फ्यूशियसवाद क्या है? इसके प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
  91. प्रश्न- चीनी विधानमंडल राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस के गठन, शक्ति एवं कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  92. प्रश्न- जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति के बारे में आप क्या जानते हंत उसकी शक्ति एवं कार्यों को स्पष्ट कीजिए।
  93. प्रश्न- स्थायी समिति की शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  94. प्रश्न- जनवादी चीन के राष्ट्रपति के कार्यों एवं अधिकारों की विवेचना कीजिए।
  95. प्रश्न- चीन में न्याय व्यवस्था की प्रमुख विशेषतायें बताते हुये न्यायपालिका के संगठन एवं उसकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
  96. प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल के संगठन का वर्णन कीजिए।
  97. प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल की भूमिका की विवेचना कीजिए।
  98. प्रश्न- एक देश दो प्रणाली नीति से आप क्या समझते हैं?
  99. प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति पर टिप्पणी लिखिए।
  100. प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की वास्तविक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- चीन में कांग्रेस के सदस्यों के अधिकारों एवं दायित्वों की विवेचना कीजिए।
  102. प्रश्न- चीन राज्य परिषद के गठन पर प्रकाश डालिये।
  103. प्रश्न- चीन के सैनिक केन्द्रीय आयोग पर टिप्पणी लिखिए।
  104. प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की वास्तविक स्थिति की विवेचना कीजिए।
  105. प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- जनवादी चीन में प्रोक्यूरेटोरेट पद की व्यवस्था का विवेचना कीजिए।
  107. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के वर्तमान संविधान की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  108. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के संविधान की संशोधन प्रकिया का वर्णन कीजिए।
  109. प्रश्न- प्रत्यक्ष लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष लोकतन्त्र की सफलता के कारणों को इंगित कीजिए।
  110. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष प्रजातन्त्र की कार्यप्रणाली का वर्णन कीजिए।
  111. प्रश्न- स्विट्जरलैंड की कार्यपालिका के बारे में बताइये।
  112. प्रश्न- स्विस व्यवस्थापिका के बारे में बताइये।

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book